दिल्ली में स्वाइन फ्लू से 12 मरे मगर केंद्र सरकार ने नकारा
सेहतराग टीम
स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू से 600 से अधिक लोग ग्रस्त पाए गए हैं और शहर के सरकारी अस्पतालों में मंगलवार तक स्वाइन फ्लू के लिए जिम्मेदार एच1एन1 वायरस से 12 लोगों की मौत होने की खबर है। दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि दिल्ली में अब तक स्वाइन फ्लू से कोई मौत नहीं हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 29 जनवरी तक दिल्ली में कम के कम 617 लोग स्वाइनफ्लू से ग्रस्त पाए गए जो राजस्थान और गुजरात के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में अब तक संक्रमण से किसी के मरने की खबर नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों में हालांकि एच1एन1 विषाणु की वजह से 12 लोगों की मौत की खबर है।
इस मामले में आंकड़ों का खेल चल रहा है। सफदरजंग अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, स्वाइन फ्लू की वजह से तीन लोगों की यहां मौत हुई लेकिन उनमें से कोई भी दिल्ली का रहने वाला नहीं था। इसी प्रकार राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इससे नौ लोगों की जान गई जिनमें से आठ दिल्ली के रहने वाले थे जबकि एक हरियाणा का था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राजस्थान में मंगलवार तक स्वाइन फ्लू से 76 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि वहां 1,976 मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात में इस बीमारी ने 27 लोगों की जान ले ली जबकि वहां 659 मामले सामने आए।
मरने वालों के इन आंकड़ों के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में शामिल न होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमारा आंकड़ा राज्य सरकार से मिले आंकड़ों पर आधारित है। यद्यपि राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग केंद्र द्वारा संचालित अस्पताल हैं लेकिन वे अपने आंकड़े दिल्ली सरकार को देते हैं।’
इस बीच, दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मामलों के बढ़कर 617 तक पहुंचने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे दवाओं, टीके और किट्स की लगातार आपूर्ति के लिए जरूरी संसाधन जुटाएं। दिल्ली सरकार का भी यही दावा है कि शहर में अब तक इस बीमारी से किसी के मरने की खबर नहीं है।
एच1एन1 फ्लू पर राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने बयान जारी किया है कि शहर के सभी सरकारी अस्पताल जरूरी संसाधनों, दवा ओसेल्टामिविर व व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई किट्स) तथा एन 95 मास्क के साथ इस बीमारी के प्रबंधन के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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